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मो0 खालिद मुजाहिद और मो0 तारिक कासमी के बाद तीन लोगों का नाम कचहरी ब्लास्ट में पुलिस द्वारा जोड़ा गया, इन तीनों लोगों में एक है आफताब आलम अंसारी पुत्र स्व0 अब्दुल अज़ीज निवासी काशीपुर रोड, थाना काशीपुर, जिला कोलकाता, दूसरा सज्जादुर्रहमान पुत्र गुलाम कादिर निवासी कोछार किन्दवार, थाना छात्रू, जिला किस्तवाड़, जम्मू कश्मीर तथा तीसरा मो0 अख्तर पुत्र शाबिर वानी निवासी बनकोट बनिहाल, थाना रामबाण, जम्मू कश्मीर। आफताब आलम अंसारी का नाम पुलिस ने पहली बार मुख्तार उर्फ राजू रखा और बाद में असली नाम आफताब आलम अंसारी रखा तथा उसकी गिरफ्तारी के विवेचना अधिकारी ने दि0 26.12.07 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 से अनुरोध किया। अनुरोध के आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 ने अजय चतुर्वेदी निरीक्षक को आफताब आलम अंसारी की गिरफ्तारी के लिए भेजा, जो दि0 27.12.07 को गये और 28.12.07 को एस0ओ0जी0/सी0आई0डी0 पश्चिम बंगाल की सहायता से आफताब आलम अंसारी को गिरफ्तार किया, arrest memo और seizure memo तैयार किया और दि0 29.12.07 को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, 24 परगना पश्चिम बंगाल से ट्रांजिट रिमाण्ड लेकर दि0 1.1.08 को 17:20 बजे थाना वजीरगंज, लखनऊ में दाखिल किया और विवेचना अधिकारी को एक पत्र प्रेषित किया जो नीचे उद्धृत है:-

सेवा में,
श्री सी0एन0 सिन्हा,
क्षेत्राधिकारी,
चैक, लखनऊ।

विषयः अभियुक्त आफताब आलम अंसारी s/o स्व0 अब्दुल अज़ीज संबंधित मु0अ0सं0-547/07 थाना वजीरगंज, लखनऊ की गिरफतारी के विषय में अनुपालन आख्या।

महोदय,
कृपया आप अपने पत्र सं0 वाचक सी.ओ.सी.वि. के 0/07 दिनांकित 26.12.07 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके माध्यम से आप द्वारा अभियुक्त आफताब आलम अंसारी s/o स्व0 अब्दुल अजीज त्ध्व काशीपुर कलकत्ता की गिरफ्तारी हेतु-एक टीम कलकत्ता भेजने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उ0प्र0, लखनऊ से अनुरोध किया गया था।

आपके उक्त अनुरोध पर कार्यालय एस0टी0एफ0 से मुझ उ0नि0 को मय हमराह फोर्स के दि0 27.12.07 को कलकत्ता भेजा गया था। कलकत्ता पहुंचकर दि0 28.12.07 को वांछित अभियुक्त आफताब आलम अंसारी (a) राजू (a) मुख्तार s/o स्व0 अब्दुल अजीज को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया। ।Arrest memo व seizure memo तैयार किया गया। गिरफ्तारी के उपरान्त दि0 29.12.07 को अभियुक्त को माननीय सी0जे0एम0 जनपद द0 24 परगना प0 बंगाल के न्यायालय में प्रस्तुत कर Transit remand श्रीमान न्यायालय ने 5 दिन की अवधि का Transit Remand स्वीकृत किया।

तदोपरान्त मैं अपनी हिरासत/निगरानी में अभियुक्त को लेकर आज दि0 1.1.08 को वापस ालखनऊ आया हूं व नियमानुसार अभियुक्त को वहवाले रपट नं0 41 समय 17ः20 बजे रो0आम0 ता0 1.1.08 थाना वजीरगंज, लखनऊ थाना वजीरगंज पर हासिल किया गया है।

अभियुक्त को दि0 2.1.08 को मान0 सी0जे0एम0 लखनऊ के समक्ष पेश किया जाना है।

सभी संबंधित प्रपत्र इस आशय से संलग्न कर प्रस्तुत है कि निर्देशानुसार अग्रिम तिथि कार्यवाही करने का कष्ट करें।

सादर।

संलग्नकः
1- आपका पत्र सं0 वाचक/coc विवे./07 दि0 26.12.07 की छायाप्रति - 1 वर्क।
2- ssp/stf UP लखनऊ के आदेश सं0 ST/STF 18(80)/007 दि0 27.12.07 की छायाप्रति - 1 वर्क।
3- SOG/CID (WB) से पुलिस सहायता हेतु प्रेषित पत्र की छायाप्रति - 1 वर्क।
4- ।Aresst memo की कार्बन प्रति - 1 वर्क।
5- Seuizure memo कार्बन प्रति - 1 वर्क।
6- Lock Up Challan की द्वितीय प्रति - 1 वर्क।
7- Transit Remand हेतु प्रेषित पत्र की द्वितीय प्रति - 1 वर्क।
8- न्यायालय C.J.M जनपद द. 24 परगना के व्तकमत ैीममज की प्रमाणित प्रति - 1 वर्क।
9- एक बंद लिफाफा संबंधित मान. ब्ण्श्रण्डण् लखनऊ प्रेषक ब्ण्श्रण्डण् प0 बंगाल।


(अजय चतुर्वेदी)
उ.नि.
ैज्थ् न्च्ए लखनऊ।

दि0 2.1.07 को न्यायालय में उपस्थित करके आफताब आलम अंसारी को रिमाण्ड पर लिया गया और गहन पूछताछ करने के लिए उसे एस0टी0एफ0 आॅफिस में रखा गया तथा प्रताड़ित करके उससे बार-बार एस0टी0एफ0 के अधिकारियों द्वारा कहा गया कि वह स्वीकार कर ले कि वही राजू उर्फ मुख्तार है और कचहरी बम ब्लास्ट में शामिल था। जाड़े की रात में उसे बर्फ की सिल्ली पर लिटाया जाता, रस्सी में बांधकर लटकाया जाता, रस्सी और डण्डे में बांधकर मुर्गा बनाया जाता, पैर के तलवों पर डण्डे से मारा जाता, सिगरेट से उसके शरीर के अंगों को जलाया जाता रहा लेकिन अन्त में विवेचना अधिकारी द्वारा मेरे कागजात मुहैया कराने पर अन्तिम रिपोर्ट लगा दी गई और न्यायालय के आदेश से उसे छोड़ दिया गया। रिपोर्ट तथा न्यायालय द्वारा पारित आदेश नीचे उद्धृत है:-

सेवा में,
माननीय न्यायालय,
ए0सी0जे0एम0, अयोध्या प्रकरण,
जनपद लखनऊ।

विषयः मु0अ0सं0 547/07 धारा 115,120बी,121,121ए,122,124ए,307, भादवि व 16/18/20/23 विधि विरूद्ध क्रिया-कलाप निवारण अधि0 व 3/4/5/6 विस्फोटक पदार्थ अधि0 थाना वजीरगंज, लखनऊ में गिरफ्तार अभियुक्त आफताब आलम अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू पुत्र स्व0 अब्दुल अजीज निवासी गोला बाजार, नया मोहल्ला मास्टर कालोनी थाना गोला बाजार, जिला गोरखपुर हाल पता-95/1/2/एच/3, काशीपुर रोड थाना काशीपुर कलकत्ता दो को धारा 169 द0प्र0सं0 के अन्तर्गत रिहा करने के सम्बन्ध में।

महोदय,
निवेदन है कि आफताब आलम अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू नाम पता उपरोक्त मु0अ0सं0 547/07 थाना वजीरगंज धारा उपरोक्त मे कलकत्ता से गिरफ्तार करके लाया गया था, जिसे न्यायिक हिरासत में दिनांक 2.1.08 को जेल, लखनऊ भेजा गया तथा अभियुक्त आफताब आलम अंसारी उपरोक्त को पुलिस कस्टडी रिमान्ड हेतु माननीय न्यायालय से प्रार्थना की गयी। माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 8.1.08 से दिनांक 14.1.08 की सुबह तक पुलिस कस्टडी रिमान्ड में दिया गया है।

आफताब आलम अंसारी उपरोक्त से पूछताछ व अन्य विवेचना से उक्त आफताब आलम अंसारी के विरूद्ध अभी तक कोई ऐसी साक्ष्य नहीं है जिससे कि न्यायिक हिरासत में रखा जा सके।

अतः प्रार्थना है कि आफताब आलम अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू पुत्र स्व0 अब्दुल अजीज निवासी गोला बाजार नया मोहल्ला मास्टर कालोनी थाना गोला बाजार, जिला गोरखपुर हाल पता पता-95/1/2/एच/3, काशीपुर रोड थाना काशीपुर कलकत्ता को मु0अ0सं0 547/07 धारा 115,120बी,121,121ए,122,124ए,307, भादवि व 16/18/20/23 विधि विरूद्ध क्रिया-कलाप निवारण अधि0 व 3/4/5/6 विस्फोटक पदार्थ अधि0 थाना वजीरगंज, लखनऊ को धारा 169 द0प्र0सं0 में रिहा करने की कृपा करें।

दिनांकः जनवरी 14, 2008

(राज नारायण शुक्ल)
पुलिस उपाधीक्षक, अपराध
जनपद लखनऊ
(विवेचक)


न्यायालय: विशेष अपन मुख्य न्यायिक मजि0सी0बी0आई0(अ0प्र0), लखनऊ।

16.1.08

आदेश

विवेचक श्री राज नारायण शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक अपराध, लखनऊ की तरफ से आरोपी आफताब आलम अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू, अंतर्गत अ0सं0-547/07, धारा 115,120 बी,121,121ए,122,124ए,307, भा0द0सं0 व 16/18/20/23 विधि विरूद्ध क्रिया-कलाप निवारण अधि0 व 3/4/5/6 विस्फोटक पदार्थ अधि0 थाना वजीरगंज, लखनऊ के सम्बन्ध में दाखिल रिपोर्ट अं0 धारा-169 द0प्र0सं0 पर विवेचक एवं सहायक अभियोजन अधिकारी को सुना।

विवेचक की तरफ से अपनी केस डायरी में इस आशय का उल्लेख किया गया है कि आफताब आलम अंसारी की मां ने उसका पहचान पत्र दिया है उसमें उसका नाम राजू उर्फ मुख्तार अंकित नहीं है। इस प्रकार में निरूद्ध अन्य अभियुक्तगण खालिद, सज्जाद एवं मोहम्मद अख्तर से पूछताछ में विवेचक के अनुसार अभियुक्तांे ने बताया है कि अभियुक्त आफताब आलम अंसारी उर्फ मुख्तार उर्फ राजू नहीं है। विवेचक ने केस डायरी में यह भी उल्लेख किया है कि विभिन्न सूत्रों से पता चला है कि आफताब आलम अंसारी, मुख्तार उर्फ राजू नहीं है और न ह ीवह गलत विधियों में संलिप्त है। इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि आफताब आलम अंसारी को मुख्तार उर्फ राजू के नाम पर गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकार गिरफ्तारी में पहचान सम्बन्धी भूल की गयी है क्योंकि विवेचक ने निरूद्ध आरोपी आफताब आलम अंसारी के विरूद्ध कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं पाया है, इसलिये वहां न्यायिक अभिरक्षा से मुक्त किये जाने योग्य है। अतः तद्नुसार विवेचक की आख्या अं0 धारा-169 द0प्र0सं0 स्वीकार की जाती है व आफताब आलम अंसारी को मु0-10,000/- रूपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर उसे न्यायिक अभिरक्षा से मुक्त किया जाता है। रिहाई परवाना जेल भेजा जाये।



(आर0पी0 त्रिपाठी)
विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,
सी0बी0आई0 (अयो0प्रकरण)
लखनऊ।

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